पिछोर तहसील के भौंती कस्बे में सोमवार की सुबह 8 बजे एक किसान पानी की टंकी पर चढ़ गया। किसान के टंकी पर चढ़ने की खबर लगते ही पहले पुलिस पहुंची। बाद में तहसीलदार व पिछोर एसडीएम भी पहुंच गए। अधिकारियों के समझाने पर भी किसान नीचे नहीं उतरा। किसान ने आरोप लगाया कि जमीन का रिकाॅर्ड सुधारने के लिए एसडीएम व तहसीलदार के बाबू 50 हजार रुपए मांगते हैं जबकि उसके पास मात्र डेढ़ बीघा जमीन है। इस बीच खाेड़ चाैकी प्रभारी ने अपने बेटे की कसम खाकर कहा कि वे उसकी समस्या का समाधान कराएंगे, तब करीब अाठ घंटे के ड्रामे के बाद शाम करीब 4 बजे किसान टंकी से नीचे उतरा।
जानकारी के मुताबिक राजेंद्र दुबे (50) निवासी भौंती सोमवार काे सुबह 8 बजे कस्बे की पानी की टंकी पर चढ़ गया। लोगों के समझाने पर भी वह नीचे नहीं आया। इस बीच भीड़ जमा होती चली गई। भौंती थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची। पुलिस के समझाने पर राजेंद्र नहीं माना। फिर पिछोर एसडीओपी अरविंद सिंह कुशवाह, पिछोर तहसीलदार दिनेश चौरसिया के बाद एसडीएम उदयसिंह सिकरवार भी मौके पर पहुंच गए। अधिकारियों के समझाने पर भी राजेंद्र दुबे पानी की टंकी से नहीं उतरा। अधिकारी माैके पर ही डटे रहे। राजेंद्र कूद न जाए, इसलिए एहतियात बताैर टंकी के चारों तरफ जाल बिछा दिए गए। पिछोर से दमकल भी बुलवा ली। इस बीच भौंती थाना प्रभारी अशोक बाबू शर्मा ने नीचे आने को कहा तो राजेंद्र दुबे ने कहा कि थाना प्रभारी मेरी मृत्यु के लिए पूर्ण रूप से जवाबदेह होंगे। इसकी रिकाॅर्डिंग करें। मरने के बाद मेरा ये आवेदन न्यायालय में काम आएगा। इस धमकी से थाना प्रभारी पीछे हट गए। बाद में शाम करीब 3.45 बजे खोड़ चौकी प्रभारी एसआई संतोष भार्गव ने प्रयास किया। स्थानीय लोगों से बातचीत कराई, फिर एसआई भार्गव ने अपने बेटे की सौगंध खाई कि उसकी जो भी समस्या है, वह स्वयं उसका निराकरण कराएंगे। इसके बाद राजेंद्र टंकी से नीचे उतर आया।
किसान राजेंद्र दुबे
कंप्यूटराइज्ड रिकाॅर्ड में नाम व खसरों में तमाम खामियां, पटवारियाें की गलतियों का खामियाजा भुगत रहे कई किसान
80 फीट ऊंची टंकी पर चढ़ा किसान।
इन लोगों का रिकाॅर्ड भी बदल दिया, अब ठीक नहीं किया जा रहा
रिकॉर्ड में पिता का नाम अलग-अलग कर दिया है
किसान राजेंद्र दुबे का कहना है कि उसकी ऊमरीखुर्द पंचायत के कनेरा-कनेरी गांव में डेढ़ बीघा जमीन है। साल 2010-11 में कंप्यूटराइज्ड रिकाॅर्ड किया गया जिसमें राजेंद्र के पिता ब्रजनंदन का नाम एक जगह ब्रजलाल व दूसरे रिकार्ड में वृंदावन कर दिया गया। राजेंद्र लंबे समय से पिता का नाम ठीक कराने के लिए भटक रहा था। राजेंद्र का आरोप है कि तहसीलदार और एसडीएम साहब बाबू के पास जाने की कह देते हैं। बाबू 50-50 हजार रुपए मांगते हैं।
आवेदन में प्रदेश में भ्रष्टाचार का जिक्र, खुद की समस्या नहीं बताई
झूठ बोला- मेरी सीएम से बात हो गई है, वो आ रहे हैं,
राजेंद्र ने 3 सितंबर को जनसुनवाई में कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम आवेदन दिया था। इसके बाद 3 दिसंबर को भी मुख्यमंत्री के साथ राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और राज्यपाल के नाम दूसरा आवेदन स्पीड पोस्ट से भेजा। अधिकारियों ने नहीं सुनी और पत्रों का जवाब नहीं मिला। इससे नाराज हाेकर राजेंद्र पानी की टंकी पर चढ़ गया। लोगों ने नीचे उतर आने के लिए कहा तो राजेंद्र बोला कि मेरी मुख्यमंत्री से बात हो गई है, वो आ रहे हैं। हालांकि ऐसा कुछ नहीं था।
आवेदन लेकर रिकाॅर्ड दुरुस्त करा रहे हैं, पैसे मांगने के मामले को दिखवाएंगे
इधर... भतीजी की शादी की रस्मे चल रहीं थीं
सोमवार की सुबह टंकी पर चढ़े राजेंद्र की भतीजी की शादी की रस्मे चल रहीं थीं। शादी का हवाला देकर उसे उतारना चाहा तो उसने मना कर दिया और कहा कि आप शादी का कार्यक्रम करते रहें। मैं जनहित के लिए यहां टंकी पर चढ़कर अपना काम कर रहा हूं। राजेंद्र का कहना है कि उसके हिस्से में डेढ़ बीघा जमीन है। पांच बेटी हैं। बेटी की शादी करने के लिए जमीन बेचना है, लेकिन बाबू कहते हैं कि आधे रुपए हमें दे देना। पूरे क्षेत्र के किसान परेशान हैं।